अंतर्राष्ट्रीय संगठन क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी

आपने वैश्विक / अंतर्राष्ट्रीय संगठन के बारे कभी ना कभी तो जरूर पढ़ा होगा अगर आप इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी के साथ पढ़ना चाहते है तो हमारी इस पोस्ट को पूरा पढ़ें जिसमे हमने विश्व बैंक , अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष , विश्व बैंक संगठन , विश्व व्यापार संगठन के बारे में बिल्कुल सरल एवं आसान नोट्स उपलब्ध करवा दिए है जिन्हे आप आगामी परीक्षा के लिए पढ़कर याद कर सकते है 

अंतर्राष्ट्रीय संगठन

विश्व बैंक (World Bank)

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– ब्रेटनवुड्स सम्मेलन-1944

– 1944 में ब्रेटनवुड्स सम्मेलन (हेम्पशायर USA)में मौद्रिक सहयोग को बढ़ाने हेतु IMF की अवसंरचना के पुनर्निर्माण के लिए IBRD और विश्व व्यापार को संतुलित करने हेतु ITO की स्थापना की गई –

(वर्तमान में ITO अस्तित्व में नहीं है।)

I.M.F- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष

– स्थापना –जुलाई, 1944

– अध्यक्ष – क्रिस्टालिना जॉर्जीवा

– प्रथम प्रबंध निदेशक – कैमिल गट्‌ट

– मुख्यालय – वॉशिंगटन (डी.सी)

– सदस्य – 190 देश (अंतिम सदस्य देश अंडोरा)

– संरचना –

– बोर्ड ऑफ गवर्नर- बोर्ड ऑफ गवर्नर का कार्य प्रबंधन करना है। (प्रत्येक देश का वित्त मंत्री गवर्नर रूप में तथा केन्द्रीय बैंक गवर्नर उपगवर्नर के रूप में सदस्य होता है।)

– कार्यकारी परिषद-प्रतिदिन के कार्य देखती है।

– प्रबंध संचालक (MD)

– I.M.F की सदस्यता-

1.विश्व बैंक की सदस्यता होनी चाहिए

2. I.M.F. में कोटा।

– अंशदान (75 प्रतिशत घरेलू मुद्रा, 25 प्रतिशत I.M.F. की माँग)
निर्धारण आधार –
1. जी.डी.पी – 50 प्रतिशत।
2. आर्थिक खुलापन – 30 प्रतिशत।
3. आर्थिक विविधता- 15 प्रतिशत।
4. विदेशी मुद्रा सहयोग – 5 प्रतिशत।

मताधिकार

– प्रत्येक सदस्य को 250 मत तथा प्रति 1 लाख एस.डी.आर योगदान पर एक मत अतिरिक्त।

– भारत का मताधिकार – 2.64 प्रतिशत

– Special Drawing Rights (S.D.R.)

– I.M.F द्वारा कागजी स्वर्ण मुद्रा है

– प्रारम्भ -1969

– लेन-देन – 1970 से

– 1974 बास्केट सिस्टम अपनाया गया।

– 2016 से चीन की मुद्रा युआन को शामिल करने से एस.डी.आर बास्केट में 5 मुद्रा हो गई।

– अमेरिकन – डॉलर – 41 प्रतिशत

– जापानी – येन – 8.33 प्रतिशत

– यूरोप – यूरो – 30.9 प्रतिशत

– ब्रिटिश – पाउण्ड- 8.9 प्रतिशत

– चाइना – युआन – 10.92 प्रतिशत

उद्देश्य

1. अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक सहयोग को बढ़ावा देना।

2. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को संतुलित करना।

3. प्रतिस्पर्धात्मक अवमूल्यन प्रक्रिया को समाप्त करना।

4. विनिमय प्रतिबंधों को कम करना।

5. अन्तर्राष्ट्रीय तरलता संकट से निपटने का उपाय करना।

6. विनिमय दरों को स्थिरता प्रदान करना।

7. प्रतिकूल भुगतान संतुलन के समय सदस्य देश को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।

नोट- भारत IMF में श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान का प्रतिनिधित्व करता है। विश्व आर्थिक  परिदृश्य रिपोर्ट, वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट।

विश्व बैंक (World Bank)

– स्थापना वर्ष 1944 के ब्रेटनवुड्स समझौते के अंतर्गत वर्ष 1945 में हुई।

– अध्यक्ष डेबिड मालपास

– मुख्यालय – वॉशिंगटन (डी.सी)

– सदस्य – 189

– संरचना – बोर्ड ऑफ गवर्नर

– सभी सदस्य देश नीति निर्माण करते हैं।

– कार्यकारी परिषद्

– कुल 24 सदस्य

– 8 स्थायी सदस्य

– 16 अस्थायी सदस्य

– विश्व बैंक समूह 5 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का एक समूह है जो सदस्य देशों को आर्थिक- वित्तीय संगठन व वितीय सलाह देता है-

1. अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (IDA)

2. पुनर्निमाण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IDRD)

3. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)

4. अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटारा केन्द्र (ICSID)

5. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)

विश्व बैंक में सदस्यता हेतु अंशदान –
– 2 प्रतिशत गोल्ड/ एस.डी.आर
– 18 प्रतिशत अपने देश की मुद्रा में।
– 80 प्रतिशत विश्व बैंक द्वारा माँगे जाने वाली मुद्रा में।
– मताधिकार   (अंशदान के आधार पर)

General Knowledge 2025

विश्व बैंक संगठन

1. IBRD-

– अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development)

– स्थापना-1944

– सदस्य – 189

– स्थापना के समय इसका मुख्य उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् युद्ध में शामिल देशों की अर्थव्यवस्थाओं का पुनर्निमाण एवं विकास था।

– वर्तमान नें IBRD व IDA के साथ मिलकर विकासशील एवं अल्प विकसित अर्थव्यवस्था वाले सदस्य देशों ने मानव संसाधन विकास, कृषि एवं ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण, अवसंरचना विकास एवं प्रशासनिक सुधार हेतु वित्तीय सहायता करते हैं।

2. IDA-
– International Development Agency
– स्थापना-1960
– सदस्य – 174
– मुख्य रूप से निर्धन देशों को ऋण या अनुदान प्रदान करता है।
– 25-40 वर्ष तक इन देशों को ऋण प्रदान किया जाता है, जिसके बदले में सदस्य देशों को 75% सेवा शुल्क देना पड़ता है।
– इसी कारण इसे उदार ऋण खिड़की(Soft Loan Window) कहते हैं।

3. IFC-
– International Finance Corporation
– अन्तर्राष्ट्रीय वित्त संघ
– स्थापना-1956
– सदस्य – 185
– मुख्यालय – वॉशिंगटन डी. सी.
– विकासशील सदस्य देशों के निजी क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराना।
– पूँजी प्रधान देशों को पूँजी की कमी वाले देशों में पूँजी लगाने के लिए प्रोत्साहित करना।

4. ICSID- अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवाद निपटारा केन्द्र 
(International Center for Settlement of Investment Dispute)
– स्थापना-1966
– सदस्य – 163
– भारत सदस्य नहीं।
– निवेश विवादों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र (ICSID) बनाया गया।

5. MIGA- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी
– (Multi Lateral Investment Guaranty Agency)
– स्थापना-1988
– सदस्य – 181
– विकासशील सदस्य देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश FDI को बढ़ावा देना है जिसके माध्यम से वहाँ आर्थिक संवृद्धि में वृद्धि हो सके।
– गरीबी में कमी लाई जा सके।
– वहाँ रह रहे लोगों के जीवन स्तर में सुधार।

विश्व बैंक समूह रिपोर्ट –
– इज ऑफ डूइंग बिजनेस, विश्व विकास रिपोर्ट, वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट, कमोडिटी मार्केट आउटलुक, वैश्विक वित्तीय विकास रिपोर्ट, विश्व विकास संकेतक।

विश्व व्यापार संगठन (WTO)

– स्थापना – 1 जनवरी, 1995

– मुख्यालय – जेनेवा, स्विजरलैण्ड

– सदस्य – 164

– इसका उद्देश्य सदस्य देशों के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार, रोज़गार, वस्तुओं का व्यापार तथा पर्यावरण की रक्षा करना।

आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD)

– स्थापना – 30 सितंबर, 1961

– सदस्य – 38

– मुख्यालय – पेरिस (फ्रांस)

– इसका उद्देश्य आर्थिक प्रगति एवं विश्व व्यापार को प्रोत्साहन प्रदान करना।

संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन -[UNIDO]

– स्थापना – 17 नवम्बर, 1966

– सदस्य – 170

– इसका उद्देश्य सदस्य देशों को औद्योगीकरण की प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं में सहायता प्रदान करना, समावेशी वैश्वीकरण तथा पर्यावरण संपोषणीयता के लिए औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देना।

एशियाई विकास बैंक  (ADB)

– स्थापना – 1966

– मुख्यालय – मनीला (फिलीपींस)

– सदस्य – 68

– इसका उद्देश्य सदस्य देशों को ऋण अनुदान व तकनीकी सहायता से आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देना।

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन-(SAARC)

– स्थापना – 8 दिसम्बर, 1985

– मुख्यालय – नेपाल के काठमांडू

– सदस्य – 8

– सात संस्थापक देशों- बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव नेपाल, पाकिस्तान एवं श्रीलंका व अफगानिस्तान वर्ष 2005 में आयोजित हुए 13वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में  सार्क का सबसे नया सदस्य बना।

– इसका उद्देश्य सदस्य देशों में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना और दक्षिण एशिया के लोगों का कल्याण कर एवं उत्थान करना व उनके जीवन-यापन के स्तर को सुधारना।

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