एशिया महाद्वीप का भूगोल : प्रमुख देश, पर्वत, जलसंधियाँ और विशेषताएँ

आज इस पोस्ट में हम एशिया महाद्वीप के बारे में पढ़ेंगे जिसमें हमने आपके लिए एशिया महाद्वीप का भूगोल : प्रमुख देश, पर्वत, जलसंधियाँ और विशेषताएँ से संबंधित नोट्स तैयार किए हैं यह नोट्स सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने के साथ-साथ अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी बहुत काम आएंगे इसलिए अगर आप निशुल्क तैयारी करना चाहते हैं तो इन नोट्स को जरूर पढ़ें एवं याद करें

एशिया महाद्वीप का भूगोल

 एशिया महाद्वीप  आकार और जनसंख्या में विश्व का  सबसे बड़ा महाद्वीप है।

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 जो मुख्यत: उत्तरी गोलार्द्ध और पूर्वी गोलार्द्ध में फैला हुआ है। हजारों साल पहले मानव ने अफ्रीका से निकलकर एशिया में बसना शुरू किया था। यही कारण है कि कुछ प्राचीन सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ है, जैसे कि सुमेरी सभ्यता, भारतीय सभ्यता और चीनी सभ्यता आदि।

 एशिया महाद्वीप पृथ्वी के स्थलीय क्षेत्रफल के लगभग 30.6 प्रतिशत (3,16,99,257 वर्ग किलोमीटर) भाग पर विस्तृत है।

 कुछ दक्षिणी द्वीपों को छोड़कर यह उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।

 इससे होकर तीन प्रमुख अक्षांशीय वृत्त-विषुवत, कर्क एवं अंटार्कटिक गुजरते हैं।

 लाल सागर व स्वेज नहर एशिया को अफ्रीका से अलग करते हैं। बैरिंग जलसंधि द्वारा यह उत्तर अमेरिका से अलग होता है।

 विश्व में समुद्र तल से सबसे ऊँचा स्थान (माउण्ट एवरेस्ट-8,848 मीटर) तथा सबसे गहरा गर्त (मेरियाना-11,022 मीटर, मिण्डानाओ द्वीप के पास) इसी महाद्वीप में विद्यमान हैं।

 पृथ्वी की सतह पर सबसे नीचा स्थान मृत सागर (औसत समुद्र तल से 397 मीटर नीचा) तथा सबसे गहरी महाद्वीपीय द्रोणी बेकाल झील (1,620 मीटर गहरी) द्वारा आवृत्त है।

 सर्वाधिक लम्बी तटीय सीमा (62,800 किलोमीटर) इसी महाद्वीप की है।

 पामीर का पठार  ऊँचाई 7,495 मीटर यह विश्व का सर्वोच्च पठार क्षेत्र है। यह पठार तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, उज़्बेकिस्तान में स्थित है। पामीर के पठार से वृहद् पर्वत शृंखलाओं का विस्तार है।

 तिएनशान पर्वत  (चीन)

 कुनलून श्रेणी (चीन) ये दोनों पर्वत उत्तर पूर्व (पामीर से)

 काराकोरमहिमालयअराकानयोमा – यह तीनों पर्वत दक्षिण पूर्व में स्थित हैं।

 आराकनयोमा म्यांमार में स्थित है, यहाँ दक्षिण पूर्वी भाग पर चाय का उत्पादन होता है। यह हिमालय का दक्षिणी भाग है।

 सुलेमान व किरथर श्रेणियाँ (पाकिस्तान) में पामीर के पठार के दक्षिण में स्थित हैं।

 सॉल्ट रेंज सुलेमान के पूर्व में स्थित अवशिष्ट पर्वत है। यह चट्टान नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

– किरथर श्रेणी में खैबर दर्रा स्थित है। (पाकिस्तान)

– हिन्दुकुश व जाग्रोस पर्वत – यह दक्षिण पश्चिम में स्थित है। हिंदुकुश पर्वत अफगानिस्तान में स्थित है। खैबर दर्रा व गोमल दर्रा पाकिस्तान में स्थित है। जाग्रोस पर्वत ईरान में है।

 एशिया महाद्वीप के प्रमुख देश

   पश्चिमी एशिया  ईरान, इराक, सऊदी अरब, यमन, ओमान, UAE, कतर, बहरीन, इजरायल, लेबनान, जॉर्डन, सीरिया, जॉर्जिया, अर्मेनिया, अजरबैजान, अफगानिस्तान

–   मध्य एशिया  कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान

–   दक्षिणी एशिया  भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव

–   उत्तरी एशिया  रूस

–   पूर्वी एशिया  चीन, उत्तरी कोरिया, दक्षिणी कोरिया, जापान, ताइवान, मंगोलिया

–   दक्षिणी पूर्वी एशिया  म्यांमार, लाओस, थाईलैण्ड, कम्बोडिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपीन्स

एशिया की जलसंधियाँ

    मलक्का जलसंधि

–  मलक्का जलसंधि सुमात्रा (इंडोनेशिया) को मलाया प्रायद्वीप (मलेशिया) से अलग करती है।

–  मलक्का जलसंधि बंगाल की खाड़ी को दक्षिण चीन सागर से जोड़ती है।

बॉस्फोरस जलसंधि

–   यह जलसंधि कालासागर को मारमारा सागर से जोड़ती है।

–   यह जलसंधि यूरोपीय टर्की को एशियाई टर्की से अलग करती है।

बाब अल मंदेव जलसंधि

–   बाब अल मंदेव जलसंधि लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ती है।

–   यह जिबूती (अफ्रीका) को यमन (एशिया) देश से अलग करती है।

–   इस जलसंधि को “आँसुओं के द्वार” (Gate of Tears) के उपनाम से जाना जाता है।

हारमुज जलसंधि

– फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से जोड़ती है तथा ईरान को ओमान से अलग करती है।

पाक जलसंधि (जलडमरूमध्य)

–   यह जलसंधि भारत को श्रीलंका से अलग करती है।

–   बंगाल की खाड़ी को मन्नार की खाड़ी से जोड़ती है।

–   बंगाल की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ती है।

–   इस के क्षेत्र में सेतुसमुद्रम परियोजना प्रस्तावित है।

–   पाक जलसंधि पर स्थित रामसेतु (द्वीप) में भारत की तरफ पंबन द्वीप है तथा श्रीलंका की तरफ तलाईमन्नार द्वीप स्थित है।

ताइवान फॉरमोसा जलसंधि  

–   यह ताईवान तथा चीन के मध्य है। पूर्व चीन सागर को दक्षिण चीन सागर से जोड़ती है

    सुण्डा जलसंधि

–   यह जलसंधि दक्षिण जावा सागर को हिंद महासागर से जोड़ती है।

–   यह जलसंधि इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप को जावा द्वीप से अलग करती है।

–   इसके क्षेत्र में विश्व का सबसे विस्फोटक एवं भयंकर ज्वालामुखी क्राकातोआ स्थित है।

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