शुभांशु शुक्ला की जीवनी : भारत के अंतरिक्ष वीर की प्रेरणादायक कहानी

शुभांशु शुक्ला की जीवनी – शुभांशु का जन्म 1986 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से की। वह 2006 में वायु सेना में शामिल हुए और फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव रखते हैं।

उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है। अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए उन्होंने रूस और अमेरिका में खास ट्रेनिंग ली। इसमें उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में काम करना, इमरजेंसी हैंडलिंग और वैज्ञानिक प्रयोग सीखे।

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1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा 🎓

  • जन्म : 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में – शंभू दयाल शुक्ला और आशा शुक्ला के घर में तीसरे नंबर के बच्चे के रूप में
  • स्कूली शिक्षा: City Montessori School, Aliganj, Lucknow में हुई
  • NDA प्रवेश: 1999-2001 के दौरान बिना माता-पिता को बताया खुद NDA की तैयारी की और 2005 में Computer Science में BSc. की डिग्री प्राप्त की
  • मास्टर डिग्री : M.Tech (Aerospace Engineering) – Indian Institute of Science, Bengaluru से

2. वायुसेना कैरियर और फ्लाइट अनुभव

  • कमीशन: 17 जून 2006, IAF के Fighter Stream में ।
  • फ्लाइट अनुभव: Su-30 MKI, MiG‑21, MiG‑29, Jaguar, Hawk, Dornier, An‑32 जैसे विमानों पर 2,000+ घंटे की उड़ान ।
  • परीक्षार्थी पायलट: TACDE और Institute of Aerospace Medicine से Advanced Training ।
  • पदोन्नति: मार्च 2024 में Group Captain रैंक में पदोन्नत।

3. गगनयान मिशन की तैयारी

  • चयन: 27 फरवरी 2024, ISRO द्वारा Gaganyaan मिशन के चार उम्मीदवारों में चुने गए ।
  • प्रशिक्षण:
    • रूस, Yuri Gagarin Cosmonaut Training Center, Star City में 2020–21 में Basic Training।
    • Bangalore में ISRO के Astronaut Training Facility में प्रशिक्षण।

4. Axiom‑4 मिशन और अंतरिक्ष में भारत

  • चयन: Prime Pilot के रूप में Axiom Mission 4 (Ax‑4) मिशन के लिए छांटे गए ।
  • लॉन्च: 25 जून 2025, SpaceX Falcon 9 Crew Dragon से उड़ान भरी, और 26 जून 2025 को ISS से Dock किया ।
  • वैज्ञानिक प्रयोग:
    • लगभग 60 से अधिक प्रयोग जोड़े गए, जिसमें microgravity में पौधों की जड़, मानव स्वास्थ्य, microbes, space agriculture शामिल हैं।
  • भारत के लिए महत्व:
    • पहले ISS यात्रा करने वाले भारतीय नागरिक (राकेश शर्मा के बाद) ।
    • यह मिशन गगनयान और आगे भारत के अंतरिक्ष परिसर (space station) की दिशा में बड़ा कदम है

5. व्यक्तिगत जीवन और प्रेरणादायक पहलू

  • विवाह: पत्नी Dr. Kamna Shukla, डेंटिस्ट—स्कूल की दोस्त, बच्चों के साथlucknow में रहती हैं।
  • परिवार: एक बेटा, दो बड़ी बहनें Nidhi Mishra और Shuchi Shukla, पारिवारिक समर्थन LG जाने से पहले

प्रेरणादायक जीवनशैली

  • Kargil War से प्रेरित होकर NDA की तैयारी की ।
  • युवाओं के लिए रोल मॉडल – निष्पक्ष और प्रेरक सफलता की मिसाल ।

शुभांशु ISS पर क्या करेंगे ?

  • शुभांशु वहां 14 दिनों तक रहेंगे और 7 प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शिक्षण संस्थानों ने तैयार किए हैं। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज होंगी, जैसे कि अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य और जीवों पर असर देखना।
  • इसके अलावा वो NASA के साथ 5 और प्रयोग करेंगे, जिसमें लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे। स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद शुभांशु की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने की उम्मीद भी है।

शुभांशु अंतरिक्ष में अपने साथ क्या-क्या ले गए हैं?

  • शुभांशु शुक्ला अपने साथ विशेष रूप से तैयार की गई भारतीय मिठाइयां ले गए हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया था कि वह अंतरिक्ष में आम का रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा ले जा रहे हैं।

इस मिशन में भारत को कितनी लागत आई है ?

  • इस मिशन पर भारत ने अब तक करीब 548 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग का खर्च भी शामिल है। ये पैसे ट्रेनिंग, उपकरण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में लगे हैं।

भारत के लिए यह मिशन कितना अहम है ?

  • शुभांशु का ये अनुभव गगनयान मिशन (2027 में प्लान्ड) के लिए बहुत मददगार होगा। वापस आने के बाद वो जो डेटा और अनुभव लाएंगे, वो भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में हेल्प कर सकता है।

क्या ये प्राइवेट स्पेस मिशन है ?

  • हां, एक्सियम मिशन 4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सियम स्पेस और नासा के कोलैबोरेशन में यह हो रहा है। एक्सियम स्पेस का यह चौथा मिशन है।
  • 17 दिन का एक्सियम 1 मिशन अप्रैल 2022 में लॉन्च हुआ था।
  • 08 दिन का एक्सियम का दूसरा मिशन 2 मई 2023 में लॉन्च हुआ था।
  • 18 दिन का तीसरा मिशन 3 जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया था।

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