25 जून 2025 का दिन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया, जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अमेरिका के Axiom Space के साथ मिलकर Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरी। यह मिशन न केवल भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक था, बल्कि भारत के आगामी गगनयान और भविष्य के स्पेस स्टेशन के लिए भी एक ठोस कदम है। इस मिशन के लिए भारत में लगभग 550 करोड़ रुपए खर्च किए हैं
Axiom-4 मिशन में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की भागीदारी न केवल भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। यह मिशन भारतीय वैज्ञानिक सोच, क्षमता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा है। आने वाले वर्षों में यह मिशन भारत के लिए नए अंतरिक्ष द्वार खोलेगा।
शुभांशु शुक्ला कौन हैं ?
NDA क्लियर करके IAF पायलट बने
शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। इनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई अलीगंज, लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी हुई। 12वीं के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर किया और यहीं से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
NDA भारत में सशस्त्र बलों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) के लिए ऑफिसर कैडेट्स को प्रशिक्षण देने वाली एक प्रमुख संस्था है। ये ट्रेनिंग के साथ-साथ एकेडमिक डिग्री भी देती है, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से एफिलिएटेड होती है।
2,000 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस
शुभांशु को 17 जून, 2006 को भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में शामिल किया गया। वे एक अनुभवी फाइटर और टेस्ट पायलट हैं। उनके पास 2,000 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। उन्होंने सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाया है।
मार्च 2024 में शुभांशु को ग्रुप कैप्टन के पोस्ट पर प्रमोट किया गया। वे एक फाइटर कॉम्बैट लीडर भी हैं।
साल 2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने उन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक के रूप में चुना। अन्य तीन में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप शामिल हैं। गगनयान मिशन में शामिल होने के बाद उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में 2019-2021 के बीच कठिन एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग ली। फिर भारत वापस लौटकर शुभांशु ने बेंगलुरु में ISRO के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी सेंटर में भी ट्रेनिंग ली।
- पूरा नाम: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
- सेवा: भारतीय वायुसेना (IAF) के वरिष्ठ पायलट और टेस्ट फ्लायर
- चयन: गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों में से एक
- शिक्षा: रक्षा सेवा कॉलेज और IAF पायलट ट्रेनिंग से प्रशिक्षित
- पहचान: 40 वर्षों के अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुँचने वाले पहले भारतीय
Axiom-4 मिशन की मुख्य विशेषताएं
- लॉन्च तिथि: 25 जून 2025 (SpaceX Dragon कैप्सूल द्वारा)
- Docking: 26 जून 2025 को ISS पर सफल Docking
- मिशन अवधि: लगभग 14 दिन
- स्थान: NASA और Axiom Space के सहयोग से, टेक्सास, अमेरिका से संचालन
मिशन के उद्देश्य
- वैज्ञानिक अनुसंधान:
- माइक्रोग्रैविटी में मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव
- पौधों की जड़ वृद्धि (मूंग और मेथी के बीजों पर प्रयोग)
- सूक्ष्मजीव अध्ययन और जैविक प्रतिक्रियाएं
- भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की तैयारी:
- ISRO के गगनयान मिशन से पहले मानवयुक्त उड़ान का अनुभव
- भारत और अमेरिका के बीच साझा अंतरिक्ष रणनीति को मजबूती
- प्रशिक्षण और परीक्षण:
- अंतरिक्ष यात्रियों के लिए व्यवहारिक अभ्यास और अंतरिक्ष जीवन शैली का प्रशिक्षण
- भारतीय वैज्ञानिकों को Houston से लाइव डेटा और मिशन नियंत्रण की निगरानी का अवसर
भारत के लिए इसका अर्थ
- भारत का यह पहला कदम है किसी अंतर्राष्ट्रीय मिशन में मानवीय भागीदारी के साथ।
- यह गगनयान मिशन से पहले का एक महत्वपूर्ण अनुभव है, जिससे ISRO को तकनीकी और मनोवैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से लाभ मिलेगा।
- भविष्य में भारत के स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन की नींव इस मिशन से जुड़ती है।
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