जब आप आधुनिक भारत का इतिहास विषय पढ़ाते हैं तो उसमें आपको भारत में क्रांतिकारी आंदोलन के बारे में जरूर पढ़ने को मिलेगा | अगर आपने भी क्रांतिकारी आंदोलन से संबंधित जानकारी प्राप्त करनी है और अपने गूगल पर सर्च करने के बाद हमारी इस पोस्ट को ओपन किया है तो बिल्कुल हम यहां पर संपूर्ण जानकारी के साथ नोट्स उपलब्ध करवा रहे हैं जिन्हें आप बिल्कुल सरल एवं आसान भाषा में समझ सकते हैं
भारत में क्रांतिकारी आंदोलन
क्रान्तिकारी आन्दोलन का प्रथम चरण
महाराष्ट्र
1. वासुदेव बलवंत फड़के
– 1870 के दशक में संगठित क्रान्तिकारी गतिविधियाँ की।
– भारत का पहला क्रान्तिकारी वासुदेव बलवंत फड़के था।
2. चापेकर बन्धु
– बालकृष्ण व दामोदर चापेकर ने तिलक के ‘केसरी’ समाचार पत्र के लेखों से आक्रोशित होकर प्लेग अधिकारी रैण्ड व आमर्स्ट की हत्या हर दी। (1897 ई.)
3. विनायक दामोदर सावरकर
– 1899 – नासिक – ‘मित्र मेला’ (कालान्तर में ‘अभिनव भारत’ (1904) बन गया।) नामक संगठन की स्थापना।
बंगाल
1. अनुशीलन समिति (1902)
- मिदनापुर – ज्ञानेन्द्र नाथ बसु
- कलकत्ता – पी. मित्रा
- ढाका – भूपेन्द्र नाथ दत्त (विवेकान्द के भाई)
- वारीन्द्र कुमार घोष (अरविन्द घोष के भाई)
- वारीन्द्र कुमार घोष ने युगान्तर व संध्या जैसे समाचार पत्र चलाए।
वारीन्द्र घोष/अरविन्द घोष की पुस्तकें
1. वर्तमान रणनीति के नियम
2. भवानी मंदिर
– अरविन्द घोष ने New lamps for old नामक लेख शृंखला प्रकाशित की, जिसमें उदारवादियों की आलोचना थी।
– The life divine, The essays on Geeta
पंजाब
– मुख्य नेता – लाला लाजपतराय व सरदार अजीतसिंह
– संगठन – अंजुमने-मोहिब्बाने वतन
– समाचार पत्र – भारत माता
विदेशों में क्रान्तिकारी आन्दोलन
लन्दन
– 1905 श्यामजी कृष्ण वर्मा – इण्डियन होमरूल सोसायटी
– कार्यालय – इण्डिया हाउस
– समाचार पत्र – इण्डियन सोसियोलॉजिस्ट
– इन्होनें 1857 की क्रान्ति की स्वर्ण जयन्ती मनाई।
– वीर सावरकर ने The first war of Indian Independence नामक पुस्तक लिखी।
– Grave warning नामक पैम्पलेट बँटवाए गए।
– 1 जुलाई, 1909 – मदनलाल ढींगरा ने भारत सचिव के राजनीतिक सलाहकार कर्जन बाइली की हत्या कर दी। ढींगरा को गिरफ्तार कर फाँसी दे दी गई।
– वीर सावरकर को गिरफ्तार कर अण्डमान की सेल्युलर जेल में बन्द कर दिया गया। जेल से बाहर आकर हिन्दू महासभा में शामिल हो गए।
– मैडम भीखाजी कामा भी श्यामकृष्ण वर्मा की सहयोगी थी।
– The mother of Indian revolution नामक पुस्तक लिखी।
– तारकनाथ दास – फ्री हिन्दुस्तान (समाचार पत्र)
सेन फ्रंसिस्को
– सोहन सिंह भाकना, लाला हरदयाल, भाई परमानन्द – हिन्दू एसोसिएशन ऑफ अमेरिका की स्थापना।
युगान्तर आश्रम
– अध्यक्ष – सोहनसिंह भाकना, महासचिव – लाला हरदयाल – युगान्तर आश्रम की स्थापना
– लाला हरदयाल स्टेन फोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्यापक थे इन्होंने 1 नवम्बर, 1913 को युगान्तर आश्रम से उर्दू समाचार पत्र ‘गदर’ निकाला, यह पहले उर्दू में निकाला गया तथा बाद में यह मासिक हो गया।
क्रान्तिकारी आन्दोलन का दूसरा चरण
हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA)
– अक्टूबर, 1924 में कानपुर में स्थापना।
– संस्थापक – शचीन्द्र नाथ सान्याल।
– राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, योगेश चन्द्र चटर्जी भगवती चरण बोहरा।
– 9 अगस्त, 1925 को काकोरी में सरकारी खजाने वाली रेल को लूटा।
– रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, रोशन सिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी – काकोरी षड्यंत्र केस के तहत फाँसी।
– शचीन्द्र सान्याल की पुस्तकें – बन्दी जीवन, वर्तमान रणनीति
– भगवतीचरण बोहरा की पुस्तक – द फिलोसॉफी ऑफ बम
– सितम्बर 1928 – हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA)
– दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में HRA का पुनर्गठन कर HSRA बनाई गई।
– संस्थापक – चन्द्रशेखर आजाद, भगतसिंह, सुखदेव
– 30 अक्टूबर, 1928 – साइमन कमीशन का विरोध करते पुलिस लाठीचार्ज में लाला लाजपतराय की मौत।
– 17 दिसम्बर, 1928 – भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव ने लालाजी की हत्या के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या कर दी। (लाहौर षड्यंत्र)
– 8 अप्रैल, 1929 – भगतसिंह, बटुकेश्वर दत्त ने पब्लिक सेफ्टी बिल के विरोध में केन्द्रीय विधानसभा की खाली बेंचों पर बम फेंका।
– भगतसिंह ने – मैं नास्तिक क्यों हूँ? नामक पुस्तक लिखी।
– भगतसिंह नौजवान भारत सभा के प्रथम सचिव थे।
सूर्यसेन (मास्टर दा)
– चटगाँव के राष्ट्रीय विद्यालय के शिक्षक थे।
– भारतीय गणतन्त्र सेना (इण्डियन रिपब्लिकन आर्मी) की स्थापना
– विद्रोही संघ की स्थापाना
– सहायक – गणेश घोष एवं अन्नत सिंह, लोकीनाथ बाउले, प्रीतीलता बाडेकर, कल्पना दत्त।
– 18 अप्रैल, 1930 को इन क्रान्तिकारियों ने चटगाँव शस्त्रागार पर आक्रमण कर अधिकार कर लिया, टेलीफोन व टेलीग्राफ संचार व्यवस्था भंग कर दी व चटगाँव के रेल सम्पर्क समाप्त कर दिए।
– 16 फरवरी, 1933 को सूर्य सेन गिरफ्तार कर लिए गए।
– 12 जनवरी, 1934 को इन्हें फाँसी लगा दी गई।
– प्रीतीलता बाडेकर पहाड़तली (चटगाँव) में रेलवे इंस्टीटयूट पर छापे मारी के दौरान मारी गई तथा कल्पना दत्त (बाद में जोशी) को सूर्य सेन के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
कांग्रेस समाजवादी दल
– अक्टूबर, 1934 में बम्बई में इसकी स्थापना हुई।
– यह कांग्रेस के तहत ही एक दवाब समूह था।
– जय प्रकाश नारायण – समाजवाद क्यों? (व्हाई सोशलिज्म) आचार्य नरेन्द्र देव – समाजवाद और राष्ट्रीय आन्दोलन – मीनू मसानी, अच्युत पटवर्धन, अशोक मेहता, राम मनोहर लोहिया – भारत विभाजन के गुनाहगार।
– उद्देश्य – कांग्रेस की नीतियों में समाजवाद पर बल देना।
– समाजवादी विचार धारा को लोकप्रिय बनाना
– युवाओं को साम्यवाद की ओर जाने से रोकना
– युवाओं के समक्ष साम्यवाद का विकल्प प्रस्तुत करना
– फॉरवर्ड ब्लॉक – मार्च, 1939 में क्रांग्रेस से अलग होने के बाद सुभाषचन्द्र बोस ने इसकी स्थापना की।
– भारतीय बॉल्सेविक दल – 1939 – एन. दत्त मजूमदार
– क्रांतिकारी साम्यवादी दल – सौम्येन्द्र नाथ टैगोर
– बॉल्सेविक लेनिनिस्ट पार्टी – अजीतराय इन्द्र सेन
– भारतीय साम्यवादियों ने भारत छोड़ो आन्दोलन का विरोध किया था क्योंकि हिटलर ने जून, 1941 में रूस पर आक्रमण कर दिया था तथा विश्वयुद्ध में रूस ब्रिटेन का हिमायती था।
आजाद हिन्द फौज
– वर्ष 1942 में कैप्टन मोहन सिंह, रास बिहारी बोस व निरंजन सिंह गिल ने जापान (टोकियो) में आजाद हिन्द फौज की स्थापना की। (INA)
– रासबिहारी बोस ने टोकियो में इंडियन इंडिपेंडेस लीग की स्थापना की।
– जुलाई, 1943 में सिंगापुर में सुभाष चन्द्र बोस को आजाद हिन्द फौज की कमान दे दी गई।
– आजाद हिन्द फौज के सिपाही सुभाष बोस को ‘नेताजी’ कहते थे। नेताजी ने अपने अनुयायियों को ‘जयहिन्द’ व ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया।
– सिंगापुर व रंगून में आजाद हिन्द फौज के मुख्यालय बनाए गए।
– 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार की स्थापना की गई। नेताजी इसके राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व सेनाध्यक्ष तीनों थे।
– वित्त विभाग – एस.सी.चटर्जी
– प्रचार विभाग – एस.ए. अय्यर
– सेना में महात्मा गाँधी ब्रिगेड बनाई गई।
– झाँसी ब्रिगेड का नेतृत्व लक्ष्मी स्वामीनाथन कर रही थी।
– 6 जुलाई, 1944 को सुभाष बोस ने आजाद हिन्द रेडियो पर बोलते हुए गांधीजी को सम्बोधित किया, भारत की स्वाधीनता का आखिरी युद्ध शुरू हो चुका है।
– जापानी सैनिकों की सहायता से आजाद हिन्द फौज ने अण्डमान व निकोबार द्वीपों पर कब्जा कर लिया और इनका नाम बदलकर क्रमश: शहीद व स्वराज द्वीप रख दिया।
– शाहनवाज खाँ के नेतृत्व वाली सुभाष ब्रिगेड भी कोहिमा (नागालैण्ड) तक पहुँच गई थी।
– दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका के सामने जापान के आत्मसमर्पण से आजाद हिन्द फौज को भी पीछे हटना पड़ा व 18 अगस्त, 1945 को सुभाषचन्द्र बोस की भी एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई। (परन्तु इस घटना को अभी तक प्रमाणित नहीं माना गया है)
– आजाद हिन्द फौज के अधिकारियों पर दिल्ली के लाल किले में मुकदमा चलाया गया।
1. गुरुबक्स सिंह ढिल्लो
2. प्रेम कुमार सहगल
3. शाहनवाज खान
– भोलाभाई देसाई, कैलाशनाथ काटजू, तेजबहादुर सत्प्रु व जवाहर लाल नेहरू ने इनकी पैरवी की।
– इनको मृत्यु दण्ड मिला पर लॉर्ड वेवेल (गवर्नर जनरल) ने अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग कर इनकी सजा माफ कर दी।
– 12 फरवरी, 1946 को आजाद हिन्द फौज के एक बन्दी अब्दुर्रशीद की रिहाई की माँग को लेकर कलकत्ता में विशाल जन प्रदर्शन हुआ।
– सुभाष बोस की पुस्तक – इण्डियन स्ट्रगल।
– हुग टोये ने स्प्रिंगिंग टाइगर नाम से सुभाष बोस की जीवनी लिखी।
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